हां मुझे याद है
मेरे हरकतों पे तुम्हारा हँस जाना
मेरे बातों को दिल पे लेकर रो जाना
यूँ तो लाखों लोग मिले जिंदगी में
पर तुम्हारे जैसा लगाव किसी से हुआ नही
जिस तरह से तुम्हारे हांथों को महसूस करता था
मैं अब तक उस तरह से किसी को छुआ नही
हां मुझे याद है
मेरे बैग में तुम्हारे लिए कुछ लेकर जाना
चॉकलेट देख कर तुम्हरा खुशी से उछल जाना
यूँ तो पूरा शहर मिला मुझसे
पर तुम्हारी जैसी बात किसी मे दिखा नहीं
तुम्हारी जगह कोई और मिल जाये
दिल ने कभी फरियाद किया नही
हां मुझे याद है
जो बातें तुम्हे कह नही सकता
उसे कोरे पनों पे लिख जाना
मेरे लिखे हर बात को तुम्हारा समझ जाना
यूँ तो कइयों को दिल का जज्बात बताया मैंने
पर उस तरह का पत्र मैंने किसी को लिखा नही
जो दीपक जलाये थे हम दोनो अपनी दुनिया मे
अब भी रौशनी दे रही है अब तक बुझा नही
हां मुझे याद है
तबियत खराब है सुनकर तेरे घर के चकर लगाना
एक झलक दिखाने को तुम्हारा खिड़की पे आ जाना
यूँ तो पूरे शहर के कई गलियों में घुमा मैंने
पर अब तक किसी के घर का चकर लगाया नही
तुम्हारे रहते हुए किसी और को चाह ले
न बाबा न शर्मा की इतनी औकात नही
जाना हम मिलों दूर है पर कोई बात नही
तुम्हे याद किये बिना सो जाएं ऐसी कोई रात नही
© शेखर शर्मा
Gjjjjjjjjjjjbbbbbbbbbbb ka sayri h
Thnk you Bhanje 😄😄😄
Wow
Thnks Adarsh Bro
Awesome
Thank u ji
Wow 😍😍😍
शुक्रिया
Mst bhai
Thanks Brother
Osm keep it up shekhar
Thank..u..Dear